उझानी बदायूं 28 अप्रैल। सरकार चाहे कितने जतन करले मगर स्वास्थ्य सेवाएं लेट लतीफ़ आने वाले कर्मचारियों की वजह से पटरी पर आने से रही। नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी हाल-बेहाल नजर आता है, वजह जब चिकित्साधीक्षक ही लेट आऐगे तो अन्य कर्मचारी रामभरोसे – आज बदांयू एक्सप्रेस संवाददाता राजेश वार्ष्णेय सरकारी अस्पताल पहुंचे तो मालूम पडा कि खुलने का समय सुबह 8 बजे ही है मगर 9.45 तक सिर्फ महिला चिकित्सक डॉ हिना सफदर ही मरीजों को देखते मिलीं। पुरुष चिकित्सक नदारद रहे, मरीज़ डॉक्टर के इंतजार में रूम के बाहर इंतजार करते मिले।
———————————————– जब ओपीडी में चिकित्सक ही नहीं तो दवा कांउटर पर भी कोई कर्मचारी नहीं बैठा नजर आया। आखिर वह दवा दे किसको। 9.40 तक मरीज खिड़की के बाहर दवा मिलने का इंतजार करते दिखाई दिए,वजह दवा वितरण कक्ष में भी कुर्सी खाली।————————————————
इमरजेंसी में भी हाल बेहाल – सुबह 9.50 तक चिकित्सक की कुर्सी खाली लेकिन फार्मेसिस्ट रीता साहू ड्यूटी पर मुस्तैद दिखाई दी। एक मरीज को रैफर करने को चिकित्सक के इंतजार में।———————————————– सुबह 9.55 चिकित्साधीक्षक डॉ राजकुमार गंगवार के कमरे का रुख किया तो एसी चलती मिली मगर कुर्सी खाली, मोबाइल से पूछने पर बताया कि इमरजेंसी में मरीज को रैफर करने गया हूं। अब बताने की जरूरत नहीं कि मांजरा क्या है, पाठक खुद समझदार है।————————————————- अस्पताल आऐ मरीजों में रूखसाना, मोहर सिंह, आदित्य शर्मा, रूबीना खातून, रामेश्वर आदि ने जिलाधिकारी से मांग की है कि नगर की स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाऐ, लेट लतीफ़ आने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई करें,जैसी सरकार की मंशा है, जिससे गरीबों को योगी सरकार की मुफ्त स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिल सके। इस भीषण गर्मी में दो-दो घंटे चिकित्सकों का इंतजार ना करना पड़े।———————————– राजेश वार्ष्णेय एमके।