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उझानी सरकारी अस्पताल -आयुष के तीन चिकित्सकों की तैनाती, यूनानी व होम्योपैथी की दवाओं का टोटा

।******** दो को छोडकर एक आयुष चिकित्सक आती ही नहीं।———————————–

उझानी बदांयू 28 जनवरी। उत्तर प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुविधाएं देने को फरमान तो जारी करतीं हैं मगर अमलीजामा नहीं पहना पातीं। उझानी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आयुष विभाग से तीन चिकित्सकों की तैनाती तो है मगर अस्पताल में यूनानी व होम्योपैथी की दवाओं का अकाल है। होम्योपैथिक चिकित्सक ड्यूटी तो पूरी देते हैं, दवा तो छोड़िए मरीजों को देने को एक मीठी गोली तक नहीं है।——————————————— दो चिकित्सक वीयूएमए एक को देखा भी नहीं ?——————— सीएचसी पर यूनानी ( वीयूएमएस ) की दो महिला चिकित्सक तैनात हैं, डाॅ हिना सफदर पूरी ईमानदारी से ड्यूटी देती है मगर यूनानी दवाऐं ना होने पर ऐलोपैथिक दवाऐ ही मरीजों को लिखती हैं। वही ( आरबीएसके से तैनात )डॉक्टर सबीना, वीयूएमएस भी तैनात हैं मगर शायद ही कभी आती हो। सेटिंग के चलते रजिस्टर पर हस्ताक्षर भी होते हैं। तनख्वाह भी लेती होगी। ———————————————- आरबीएसके से होम्योपैथिक डाॅ प्रभाकर मिश्रा की काबिलियत का फायदा नहीं उठा पाता विभाग। काफी समय से सीएचसी पर तैनात डाॅ मिश्रा होम्योपैथी के बहुत कुशल चिकित्सक है। विडंबना है कि अस्पताल में आज तक होम्योपैथिक दवा तो छोड़िए एक मीठी गोली तक नहीं। अगर सरकार चिकित्सकों के साथ दवा का भी प्रबंध करें तो होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करने वालों की भी कमी नहीं।—————————– सभी चिकित्सक आरबीएसके से तैनात हैं, यूनानी व होम्योपैथिक दवाओं को लिखा गया है। सभी ड्यूटी करते हैं- डॉ राजकुमार गंगवार,चिकित्सा अधीक्षक उझानी।——————————– क्या है आरबीएसके – राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम इसके तहत् तैनात चिकित्सक को बच्चों के जन्म से 18 बर्ष तक के बच्चों के 32 रोगों जैसे जन्मजात रोग, बीमारियां, स्वास्थ्य की जांचे, बच्चों के विकास में देरी, कुपोषण , घरों पर पैदा होने बाले बच्चों की जांच, बच्चों की बीमारी को माता-पिता को बताना , स्वास्थ्य व सफाई को प्रेरित करना, आंगनबाड़ी में बच्चों की जांच कर उपचार देना, स्कूलों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करना,आदि शामिल हैं।———————–*** राजेश वार्ष्णेय एमके।