1:52 pm Wednesday , 28 May 2025
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साधू का वेश धारण कर रावण ने किया सीता का हरण

साधू का वेश धारण कर रावण ने किया सीता का हरण

बिल्सी। नगर की गौशाला रामलीला कमेटी के तत्वावधान में चल रही रामलीला में बीती बुधवार की रात मारीच वध और सीता हरण की लीलाओं का मंचन किया गया। पंचवटी में राम, सीता और लक्ष्मण बैठे हैं। इसी बीच वहां रावण की बहिन सूर्पणखा आती है और राम की मोहिनी छवि पर रीझ जाती है। लक्ष्मण उसके कान और नाक काट देते हैं। चिल्लाती हुई सूर्पणखा अपने भाई लंकापति रावण के पास जाकर सारा वृत्तांत सुनाती है। रावण अपने मायावी मामा मारीच को स्वर्णमृग बनाकर पंचवटी भेजता है। स्वर्णमृग को देख सीता राम से उसका आखेट कर मृगचर्म लाने के लिए आग्रह करती हैं। राम लक्ष्मण को सीता की सुरक्षा का भार सौंप कर मृग के पीछे चले जाते हैं। राम के वाण से आहत मारीच राम के ही स्वर में हाय लक्ष्मण, हाय लक्ष्मण की पुकार लगाता है। जिसे सुन कर सीता व्याकुल हो जाती हैं और लक्ष्मण को राम की सहायता के लिये जाने के लिए आदेशित करती हैं। लक्ष्मण कुटिया के बाहर एक रेखा खींच और उसके बाहर नहीं आने का अनुरोध करके चले जाते हैं। उसी क्षण साधु वेश धारण कर रावण वहां आकर भिक्षा मांगता है और सीता का हरण कर लेता है। पक्षीराज जटायु का रावण से घनघोर युध्द होता है और अंतत: जटायु का प्राणांत हो जाता है। इसके बाद राम की मुलाकात राजा सुग्रीव से होती है।

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