।******** उझानी बदांयू 5 फरवरी।
बदांयू एक्सप्रेस ने पूर्व में भी समाचार के माध्यम से नगर क्षेत्र में चल रहे सट्टे के बड़े कारोबार की रीढ़ तोड़ने को प्रसाशन को चेताया था। मगर ऐसा नहीं हुआ पिछले साहब के तीन वर्ष के कार्यकाल में एक भी सटोरियों को नहीं छेडा गया, नऐ साहब के आने पर लोगों को उम्मीद थी कि इन सट्टे के धंधेबाजों पर लगाम लगेगी मगर नहीं, सटोरिया नगर में खुलेआम सट्टे के धंधे को अंजाम दे रहे हैं।
शहर में सट्टा कारोबार सिर्फ नगर क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि इसकी जड़ें देहात में भी मजबूत हैं। बर्षो से किसी सट्टेबाज को गिरफ्तार नहीं किया जाना ही, इन धंधेबाजों के होंसले बुलंद किए हैं। कभी किसी को पकडा तो जुआ अधिनियम जैसी मामूली धाराओं में उनका चालान कर छोड़ दिया जाता है। इस कारोबार पर पुलिस पूरी तरह शिकंजा कसने में नाकाम है। इसकी वजह विभाग के ही कई कर्मचारी इन सट्टेबाजाें को संरक्षण दिए हैं। कोई बड़ी कार्रवाई हो उससे पहले ही सट्टेबाजों तक सूचना पहुंच जाती है। सट्टेबाजों और खाकी के गठजोड़ की बदौलत ही शहर के हजारों लोग प्रतिदिन अपनी गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा सट्टेबाजी के इस खेल में गवां रहे हैं।
जानकार बताते हैं कि सट्टेबाजों को पकड़ कर लाया जाता है और जुआ अधिनियम में उनका चालान कर दिया जाता है। जिसमें थाना स्तर और मजिस्ट्रेट के यहां से जमानत मिलने का प्रावधान है। ऐसे में यह सट्टेबाज पूरी ताकत लगा देते हैं कि उनका चालान जुआ अधिनियम में ही किया जाए। नगर में कई धंधेबाज अलग-अलग गिरोह बनाकर इलाके बांटकर सट्टेबाजी करा रहे हैं।
मोहल्ला साहूकारा, इसी तरह पुरानी अनाज मंडी, लालमन की पुलिया, नझियाई , जामा मस्जिद के पास, बस स्टैंड, पंखा रोड, गोतम पुरी, में मुंख्य धंधेबाज बैठकर अपने अपने क्षेत्र के सट्टे पर कब्जा जमाए हैं। एसएसपी के सख्त आदेश के बाद भी इन पर कोई लगाम नहीं लग सकी। बताते हैं कि शहर कोतवाली क्षेत्र के कई पुलिस कर्मी इन धंधेबाजों के संपर्क में हैं। जानकार बताते हैं कि अगर पुलिस इन्हें एक साथ गिरफ्तार करे और उनके पूर्व के मुकदमों की जांच की जाए तो इन सट्टेबाजों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है।
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बड़े काम कर रही दो सिपाहियों की जोड़ी। कोतवाली के दो सिपाही इन दिनों चर्चा में है, दरअसल उनके साहब इन सभी बातों से अनभिज्ञ हैं और क्राइम पर ध्यान रखते हैं। इसलिए पुराने जानकार और क्षेत्र के हर सट्टेबाज की कमजोरी जानने वाली यह जुगल जोड़ी इन दिनों बड़े बड़े खेल कर रही है। शहर के साहूकारा से लेकर बस स्टैंड, गोतम पुरी तक ऐसा कोई नहीं जो इन दोनों से बचा हो। हां कहने को यह अक्सर टीम के साथ रहते हैं, लेकिन जब भी मौका मिलता है अपना काम पूरा कर आते हैं। इस विशेष टीम द्वारा इन सट्टेबाजों तक न पहुंच पाने की बड़ी वजह यही जुगल जोड़ी है।—————————————राजेश वार्ष्णेय एमके।