आवास विकास स्थित राजकीय महाविद्यालय बदायूं में एनसीसी के द्वारा चलाए जा रहे “स्वच्छता ही सेवा” अभियान के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय खाद्य अपशिष्ट जागरुकता दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें एनसीसी के कैडेट्स के साथ एनएसएस के स्वयंसेवी भी सम्मिलित हुए।
खाद्य पदार्थ के अपव्यय और नुकसान के प्रति जनजागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से आयोजित कार्यक्रम में छात्र छात्राओं को खाद्य पदार्थों के सद्पयोग करने की शपथ दिलाई गई। छात्र छात्राओं ने रैली निकालकर “उतना ही लें थाली में, व्यर्थ न जाए नाली में” जैसे नारों से कालोनी निवासीयों को जागरुक किया।
वॉलिंटियर्स को शपथ दिलाते हुए एनसीसी प्रभारी एवम प्राचार्या डॉ श्रद्धा गुप्ता ने कहा कि ने कहा कि पूरे विश्व में मनुष्य के भोज्य पदार्थ का 17% फसल उगाने से लेकर चूल्हे तक जाने के मध्य अपव्यय होता है। खेत खलिहान से होकर अनाज के गोदाम और फिर खुदरा दुकानों तक खाद्य पदार्थ बर्बाद होते हैं। उन्होंने कहा कि चिंता का विषय यह है कि पके हुए भोजन को भी फेंकने की संस्कृति आम जनता में विकसित हो गई है जिसे समाप्त करना हम सभी का कर्तव्य है। एनएसएस के नोडल अधिकारी डॉ राकेश कुमार जायसवाल ने कहा कि थाली में भोजन छोड़ना स्टेटस सिंबल हो गया है। शादी विवाह और सार्वजनिक समारोह में सर्वाधिक भजन अवशिष्ट पदार्थ के रूप में फेक जाते हैं, जिसके पीछे फसल उगाने से लेकर रोटी पकाने तक खर्च हुए प्राकृतिक संसाधन का अपमान है। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए हम सभी को भोज्य पदार्थों का सम्मान करना सीखना होगा। डॉ जायसवाल ने कहा कि अन्नपूर्णा देवी, जल देवता, अग्नि देवता, पृथ्वी माता आदि भारतीय परंपरा को जीवित रखना है। कार्यक्रम अधिकारी डॉ बबिता यादव ने कहा कि सार्वजनिक कार्यक्रमों में भोजन कराने की प्रथा स्वच्छता के लिए संकट पैदा करता है जो बंद होनी चाहिए ।
इस अवसर संजीव कुमार शाक्य,बंटी सागर,राजा शर्मा, शिवम पाल, पायल जादौन, सोनल राठौड़, शिखा मिश्रा, आकांक्षा, आराध्या,अनन्या , संध्या,रूबी, नेहा,हिना,आयुष, सत्यम,अंकित,कृष्णपाल,दीपक यादव,शिव कुमार,शिवम दिवाकर,संजीव,ज्ञानेंद्र, आशुतोश,सौरभ कुमार, सौरभ सिंह,अंशिका सोलंकी,आर्यन गुप्ता,शगुन शर्मा, इसराक अहमद खान,प्रमोद साहू,राखी आदि उपस्थित रहे।
