बदायूँ: 30 अप्रैल। जिलाधिकारी अवनीश राय ने जल जीवन मिशन (ग्रामीण) के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कार्याें की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कार्यों में तेजी लाने व गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के लिए कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि पाइप पेयजल योजना अन्तर्गत किए जाने वाले गड्ढांे को समयानुसार भरवाया जाए ताकि आमजन को उससे कोई परेशानी ना हो।
बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में आहूत बैठक में जिलाधिकारी अवनीश राय ने अधिशासी अभियंता जल निगम ग्रामीण को निर्देेश दिए कि जिन 145 परियोजनाओं में कार्य पूर्ण हो गया है उसकी सूची उपलब्ध कराएं तथा जो परियोजनाएं दिसंबर 2025 तक पूर्ण होनी है उसकी भी सूची अलग से उपलब्ध कराएं। उन्होंने अधिकारियों को कार्याें का स्थलीय निरीक्षण भी करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण पाइप पेयजल योजना अंतर्गत जो भी कार्य हो रहे हैं वह जनहित को ध्यान में रखकर कराए जा रहे हैं, इसमें सभी ग्राम वासियों का अपेक्षित सहयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अगर पाइप पेयजल योजना के कार्यों में किन्ही ग्रामों में अवरोध उत्पन्न हो रहा है तो उसको परस्पर समन्वय के साथ निस्तारित किया जाए तथा कार्यों को प्राथमिकता पर पूर्ण कराया जा सके। डीएम ने अब तक पूर्ण की गईं 145 परियोजनाओं की ग्रामवार जानकारी ली। उन्होंने दिसंबर 2025 तक अगली 145 परियोजनाएं प्रत्येक दशा में पूर्ण करने के निर्देश दिए।
अधिशासी अभियंता जल निगम ग्रामीण नरेंद्र वर्मा ने बताया कि योजना अंतर्गत जनपद में 857 ओवरहेड टैंक बनाए जाने हैं जिसके सापेक्ष 300 ओवरहेड टैंक बनाए जा चुके हैं। 1444 राजस्व ग्रामों में पाइप पेयजल योजना अंतर्गत शुद्ध व साफ जल पहुंचाए जाना है जिनमें से 785 राजस्व ग्रामों में पहुंचा जा रहा है। इनमें से 300 राजस्व ग्रामों में ओवरहेड टैंक तथा शेष में सीधे मोटर के माध्यम से पहुंचा जा रहा है। 29 परियोजनाएं पूर्व से ही संचालित हैं। हर घर जल अंतर्गत 379 ग्रामों में प्रमाणीकरण का कार्य भी हो चुका है। जल जीवन मिशन की परियोजना लगभग 1860 करोड रुपए की है।
उन्होंने बताया कि एन0ए0बी0एल0 से एक्रेडिटेड लैब की स्थापना जनपद स्तर पर जल जीवन मिशन ग्रामीण के कार्यालय में की गई है जहां पेयजल की शुद्धता की जांच की जाती है वहीं प्रत्येक ग्राम में पांच महिलाओं को जल की शुद्धता की जांच करने के लिए प्रशिक्षित भी किया गया है। उन्हें जांच हेतु एक एफ0टी0 किट(फील्ड टैस्ट किट) भी दी गई है। एक एफ0टी0 किट से 100 सैंपलों की जांच की जा सकती है। प्रत्येक माह 20 सैंपल की जांच की जानी है तथा एक एफ0टी0 किट लगभग 05 महीने चलती है। उन्होंने बताया कि पूर्व निर्मित 29 परियोजनाएं बिजली से चलती हैं तथा 828 परियोजनाएं सोलर व जनरेटर से संचालित होंगी। उन्होंने बताया कि पी0एन0सी0 इंफ्रा को ऑपरेशन एंड मैनेजमेंट 10 वर्ष तक करना होगा।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी केशव कुमार, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरुण कुमार, पी0एन0सी0 इंफ्रा के सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर गुरु प्रताप सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी व जल जीवन मिशन कार्यादायी संस्था के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
