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बदांयू में न जांच और न विभाग की निगरानी, शुद्धता के भरोसे धड़ल्ले से बिक रहा पानी

बदांयू 20 अप्रैल।
बढ़ते तापमान और सहालग के सीजन में शुद्ध पेयजल की मांग काफी बढ़ गई है। जिले में रोजाना करीब तीन लाख लीटर पानी का कारोबार हो रहा है। शहर से गांव तक संचालित करीब 50 आरओ प्लांट से जार में पानी की आपूर्ति की जा रही है। हालांकि, इस पानी की शुद्धता को लेकर न कोई जांच होती है और न आरओ प्लांट पर साफ-सफाई की निगरानी। आरओ के पानी के नाम पर शुद्धता के भरोसे पर कारोबार चल रहा है।

शहर व आसपास के क्षेत्र में बिना एनओसी के आरओ प्लांटों का संचालन किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी बड़े आरओ प्लांट स्थापित हैं। शहर में एक प्लांट से प्रतिदिन कम से कम पांच हजार लीटर पानी की आपूर्ति हो रही है। आरओ के पानी के 15 लीटर जार की कीमत 20 से 25 रुपये ली जा रही है। यदि मानकों की बात की जाए तो कोई प्लांट भूगर्भ जल विभाग में पंजीकृत नहीं है।

आरओ प्लांट से किस मानक के पानी की आपूर्ति हो रही रही है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। पानी के डिब्बों पर रसायन की मात्रा, उत्पादन तिथि और खराबी की तिथि तक नहीं लिखी जा रही है। वह शुद्ध पेयजल के नाम पर लोगों को सिर्फ ठंडा पानी पिला रहे हैं। सुबह से ही शहर की सड़कों पर ऑटो में जार लादकर संचालक के कर्मचारी दुकानों और घरोंं में आपूर्ति कर रहे है।

पानी मेंं 50 से 100 के बीच होना चाहिए टीडीएस
जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि यदि पानी अच्छी तरह से फिल्टर नहीं होता और दो से तीन दिन रखा रहता है तो इससे टायफाइड, हैजा समेत पानी जनित बीमारियों से लोग पीड़ित हो जाते है। यदि पानी में टीडीएस 50 से 100 के बीच है तो वह पीने योग्य हे।