11:46 am Sunday , 25 May 2025
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*राजकीय महाविद्यालय में विचार गोष्ठी आयोजित कर मनाई गई अंबेडकर जयंती*

आवास विकास स्थित राजकीय महाविद्यालय बदायूं में राजनीति विज्ञान विभाग एवं कृष्णा कल्चरल क्लब के तत्वावधान में डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई। शिक्षकों के साथ सभी छात्र छात्राओं ने डॉ आंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित किया तत्पश्चात विचार गोष्ठी सम्पन्न हुई।
“विकसित भारत के परिप्रेक्ष्य में डॉ अंबेडकर के विचारों की प्रासंगिकता” विषय पर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता एनसीसी की प्रभारी डॉ श्रद्धा गुप्ता तथा संचालन विभागाध्यक्ष डॉ राकेश कुमार जायसवाल ने किया। डॉ श्रद्धा गुप्ता ने कहा कि डॉ अंबेडकर के विचार विकसित भारत की संकल्पना के लिए अत्यंत प्रासंगिक हैं। उनके विचारों को ध्यान में रखते हुए, हम एक ऐसा भारत बना सकते हैं जो सामाजिक रूप से न्यायसंगत, आर्थिक रूप से सशक्त, और समावेशी हो। राजनीति विज्ञान परिषद के संयोजक डॉ दिलीप कुमार वर्मा ने कहा कि डॉ अंबेडकर ने भारत को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया, तथा उसके लिए वर्ण व्यवस्था विहीन एवं जाति विहीन समाज का विचार दिया जो आज भी प्रासंगिक है। किन्तु दुर्भाग्य से आज की राजनीति जाति को ही जिन्दा बनाए रखने के लिए क्रियाशील है। डॉ राकेश कुमार जायसवाल ने कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित भारतीय और उसके लिए समानता का अधिकार एवं सामाजिक न्याय का होना आवश्यक है। डॉ आंबेडकर उन समुदायों को आरक्षण देना चाहते थे जो ऐतिहासिक रूप से प्रशासनिक पदों से वंचित थे किंतु अभी भी दलित आदिवासियों का एक बहुत बड़ा तबका आरक्षण के लाभ से वंचित है। उन्हें यह लाभ तभी मिलेगा जब आरक्षणभोगी अभिजात्य वर्ग से पृथक उनकी पहचान सुनिश्चित हो जिसके लिए सर्वोच्च न्यायालय ने भी निर्देश दिया है। डॉ अंबेडकर ने आरक्षण भोगी नवीन अभिजात्य वर्ग की कल्पना अपने जीवन काल में ही कर ली थी तथा एक सम्मेलन में उनके लिए आरक्षण समाप्त करने की बात भी कह दी थी। डॉ हुकुम सिंह ने कहा कि सामाजिक समता और न्याय को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए स्वतंत्रता और समानता जैसे मौलिक अधिकारों का संरक्षण होना आवश्यक है। डॉ सचिन राघव ने कहा कि बाबा साहब ने मौलिक अधिकारों को प्रदान कर मानवता को जिंदा रखने के लिए अथक प्रयास किया तथा भारत को विश्व का सबसे अनूठा और अनुपम संविधान दिया, इसके लिए हम सभी भारतवासी बाबा साहब के आजीवन ऋणी रहेंगे।गोष्ठी में अमन कुमार, शगुन शर्मा, निखिल चौहान, महिमा भारती आदि ने विचार व्यक्त किए।

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