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जेब पर भारी स्कूलों की मनमानी, किताबों और स्टेशनरी के बढ़े दामों से बिगड़ा अभिभावकों का बजट

।******** बदांयू 31 मार्च। स्कूलों का नया सत्र शुरू होने से पहले ही अभिभावकों का बजट गड़बड़ाने लगा। नए सत्र में कॉपी किताबों के दाम आसमान छू रहे हैं। स्टेशनरी भी 15 से 20 प्रतिशत तक महंगी है।

वर्तमान सत्र खत्म होने से पहले ही अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। जिले के कई स्कूलों में 25 मार्च से नए सत्र की शुरुआत हो चुकी है। उससे पहले ही अभिभावकों का बजट गड़बड़ाने लगा है। नए सत्र में कॉपी किताबों के दाम आसमान छू रहे हैं।उनका कहना है कि इस महंगाई में बच्चों को अब पढ़ाना काफी मुश्किल हो रहा है। स्कूलों की मार अब उनसे झेली नहीं जा रही है। स्कूलों की ओर से वेंडर के नाम बता दिए गए है। वहां से कॉपी किताब लेने पर 20 से 25 प्रतिशत अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है। ए फोर साइज के कागज में पिछले छह महीने में करीब 25 फीसदी तक तेजी आई है। इसके कारण सामान्य से लेकर ब्रांडेड कंपनियों तक की 60, 120, 180 और 240 पेज की कॉपी के दाम बढ़े हैं। वहीं किताबों का बाहर बाजार में पता किया गया है तो 10 से 15 प्रतिशत तक का अंतर आ रहा है।

कॉपी-किताबों के बाद स्टेशनरी के सामान जैसे पेंसिल, रबर, कलर, स्कूल बैग, स्कैच पैन, पेंसिल बॉक्स तक के लिए अभिभावकों को गत वर्ष के मुकाबले अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है। 10 से 20 रुपये के सामान की कीमत में पांच से दस फीसदी की वृद्धि हुई है। स्केच पैन, कलर बॉक्स जो पिछले वर्ष 60 से 80 रुपये में मिला करते थे, अब उनकी कीमत 80 से 110 रुपये हो गई है। जो स्कूल बैग 400 रुपये का था। अब उसी के लिए 600 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। इसके अलावा पैन पेंसिल के बॉक्स में भी 10 से 20 रुपये की बढ़ोतरी हो गई है। ऐसे में पूरी कमाई इस नए सत्र की शुरुआत में ही खत्म होने वाली है।

अभिभावकों का कहना है कि कॉपी-किताब और यूनिफॉर्म महंगी हो गई हैं, तो वहीं इससे जुड़े व्यापारियों का कहना है कि जब माल ऊपर से ही महंगा आएगा, तो हमें भी महंगा ही बेचना होगा। कॉपी किताब बेचने वालों ने बताया कि पिछले कुछ सालों की तुलना में इस साल किताब और कॉपियों के मूल्यों में वृद्धि हुई है। जो कॉपी पहले 30 रुपये की आती थी, वह अब 40 रुपये की हो गई है और इसी के साथ ही कई कॉपियों के पेज भी कम कर दिए गए हैं। कागज के दाम बढ़ाए गए हैं, तो इससे पूरे ही कारोबार पर असर पड़ रहा है।

दाम पहले अब
स्केच पेन 50- 60 80- 90
बड़ा रबर 10- 15 20- 25
जमैटरी बॉक्स 110- 135 170-190
कलर बॉक्स 70-90 100-130
स्कूल बैग 800- 1000 1300- 1500

नए सत्र की शुरुआत होने वाली है। उससे पहले ही कॉपी किताब को खरीदने का आदेश स्कूल से आ गया है। उनके वेंडर से ही किताबें खरीदनी हैं। 20 से 35 प्रतिशत तक कॉपी किताब के दाम बढ़ गए है। समझ नहीं आ रहा है कि बच्चों को अब कैसे पढ़ाया जाए। एनसीईआरटी की भी सभी किताबें नहीं चल रही है। यदि वो चले तो थोड़ा बोझ कम पड़े। – नीरज त्रिपाठी,अभिभावक

बच्चे का स्कूल नए सत्र से बदलने की प्लान बनाया है। नए स्कूल की कॉपी किताब के रेट आसमान छू रहे है। स्टेशनरी से लेकर कॉपी किताब में 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो गई है। यदि यही स्थिति बनी रही, तो सरकार को किताबों और डिजिटल टूल्स पर सब्सिडी देकर जरूरतमंद परिवारों को वित्तीय सहायता देकर मदद करनी चाहिए, ताकि शिक्षा सभी के लिए सुलभ बनी रहे – रामकुमार ,अभिभावक।——————————- राजेश वार्ष्णेय एमके।

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