समाज में कई रूपों में मंथरा और रावण घूम रहे हैं
बिल्सी में रामकथा का सातवां दिन
बिल्सी। नगर की श्री रामकृष्ण समिति के तत्वावधान में नगर के कछला रोड स्थित माहेश्वरी भवन में चल रही श्रीराम कथा के सातवें दिन कथावाचक अयोध्यादास जी रामायणी ने रामकथा की शुरुआत कुंभकरण व मेघनाद वध से शुरू की। कथावाचक ने रामकथा में राम-रावण युद्ध के बारे में कहा कि लंकापति रावण युद्ध करने के लिए रणभूमि पहुंचे। उन्होंने राम की सेना के शामिल सभी योद्धाओं लक्ष्मण, हनुमान, सुग्रीव, अंगद से संग्राम किया। अंत में राम-रावण के बीच युद्ध हुआ। भगवान राम ने रावण के दसों सिर काट दिए। उसके बाद भी जब रावण का वध नहीं हुआ, तो विभीषण ने राम को बताया कि रावण की नाभिकुंड में अमृत है। भगवान राम ने रावण की नाभि पर वार किया। नाभि में तीर लगते हुए रावण जमीन पर जा गिरे और उनकी मृत्यु हो गई। कथावाचक ने कहा कि भगवान राम ने रावण को मार दिया, लेकिन आज भी समाज में कई रूपों में मंथरा व रावण घूम रहे हैं। इनसे सदैव बचने की जरुरत है। इस मौके पर नरेन्द्र गरल, चन्द्रपाल तोष्नीवाल, सत्यपाल वार्ष्णेय, लोकेश बाबू, मनोज वार्ष्णेय, संजीव वार्ष्णेय, नीरज माहेश्वरी, दुर्गेश बाबू, आशीष वशिष्ठ आदि मौजूद रहे।