बदायूं की बात – सुशील धींगडा के साथ
जाने कुर्सी में कौन सी ताकत ह ैजिसको मिल जाती है अपने आपको सबसे महान समझने लग जाता है। बदायूं वाले ट्रेन को तरस रहे हैं और कुर्सी वाले हाइवे बनाकर नये टोल लगाने की राह पर चल रहे हैं। बदायूं में सडकों की हालत खराब है पर कुर्सी वाले नाले बनवाने में लगे हुए हैं। शासन हरियाली के लिए पेड लगाने की राह पर चल रहा है तो बिल्सी नगर पालिका पेडों की नीलामी करके आया बढाने की राह पर चल रही है। शासन के निर्देशों को अनदेखा करके सहसवान और इस्लामनगर में बिना पाक्रिंग की स्थापना के पार्किंग टैक्स की वसूली हो रही है। प्रदेश के मुखिया स्थानीय रोजगार को बढावा देने के निर्देश दे रहे हैं और बिसौली नगर पालिका दुकानदारों को दुकानें खाली करने के नोटिस देती घूम रही है। शासन सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराने को कह रहा है तो वजीरगंज में कुर्सी वालों ने सरकारी जमीन पर दुकानें बनाकर दिखा दी। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री युवाओं को प्रतिभावान बनाने के लिए कौशल विकास योजना पर अरबों रूपये व्यय कर रहे हैं और बदायूं में कौशल विकास योजना के पालनहार एक बहुचर्चित कम्प्यूटर केंन्द्र संचालक के इशारों पर नाचने वाली कठपुतली बने हुए हैं।
पता नहीं कुर्सी के इस रोग से बदायूं वालों को कब और कैसे मुक्ति मिलेगी।
