बदायूं की बात सुशील धींगडा के साथ
प्रदेश सरकार ने वाहनों पर धर्म और जाति के स्टीकर लगाना और लिखवाने पर प्रतिबंध इस योजना पर लगाया कि इससे समाज समरसता का माहौल बनेगा लेकिन सरकार को इस बात पर ध्यान जब स्कूलों में समानता स्थापित करने हेतु ड्रेस कोड लागू किया गया है तो स्कूलों के नाम जाति, धर्म और भगवान के नाम पर स्वीकृति क्यों दी जा रही है। बदायूं के कुछ स्कूलों के नाम तो भगवान को लार्ड लिखकर इस तरह बनाये गए हैं जैसे उनके स्कूल में भगवान अंग्रेजी सीखकर गए हों। किसी ने स्कूल का नाम लार्ड कृष्णा रखा हुआ है तो कोई धर्म के नाम पर शिक्षा की दुकान चला रहा है तो कितने स्कूल स्पष्ट रूप ऐसे धर्म के नाम पर रखे हुए हैं जिनका भारतीय संस्कृति से कोई सरोकार नहीं दिखाई देता और आम आदमी को धर्म और जाति के नाम पर स्कूल के नाम की यह स्थति समाज की समरसता में बाधक नजर आ रही है।
