राष्ट्रीय कवि संगम शाखा बदायूँ के तत्वावधान में नववर्ष के उपलक्ष में ‘सरस काव्य गोष्ठी’का आयोजन युवा गीतकार अभिषेक अनंत के आवास, ए–111 आवास विकास कॉलोनी बदायूँ में किया गया जिसमें जनपद बदायूँ के कई साहित्यकारों ने अपनी बेमिसाल रचनाएं प्रस्तुत कीं।काव्य गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार अनंग पाल सिंह तोमर एवं चंद्रपाल सिंह सरल ने मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलित किया। काव्य गोष्ठी में आंचलिक शैली के वरिष्ठ गीतकार एवं गजलकार डॉ.अरविंद धवल ने कहा–
“लेखनी नींद ना आई तो उठा ली हमने
कभी होने न दी एक रात भी काली हमने”।
इसके पश्चात जनपद के वरिष्ठ व्यंग्यकार अनंगपाल सिंह तोमर ने पढ़ा –
“आओ बैठो पियो पिलाओ दावत देती मधुशाला
दिल्ली के नुक्कड़ नुक्कड़ पर रोज बुलाती मधुशाला”
सामाजिक विषमताओं पर अपनी पैनी कलम चलाने वाले गजलकार भारत शर्मा ने कहा–
“आप मसूरी दून तलाशें
हम जाड़े में ऊन तलाशें
आप शहर में वाइन ढूंढे
हम जिस्मो में खून तलाशें”
लोकगीत कर चंद्रपाल सिंह सरल ने अपने गीतों से भारतीय संस्कृति की महक से श्रोताओं के मन को महकाते हुए कहा –
“जमीं से कौन जुड़ना चाहता है
जिसे देखो वो उड़ना चाहता है”
कार्यक्रम में युवा गीतकार अभिषेक अनंत गीत पढ़ते हुए कहा–
“कोमल मन में पड़े हुए हैं मेरे गीत
आंसू पीकर बड़े हुए हैं मेरे गीत”
संचालन कर रहे मुक्तक सम्राट भूराज सिंह ने मुक्तक पढ़ा–
“मैं जीवन की कभी विवशताओं पर शोध नहीं करता ।
कामी ,कुत्सित, कुंठित और कृपण पर क्रोध नहीं करता। भार अखिल भूमंडल का मेरे कंधे सह सकते हैं ।
अतः किसी से, कहीं, कभी कोईअनुरोध नहीं करता।।”
गोष्ठी में संस्था संरक्षक आचार्य गुरुचरण मिश्र:, आचार्य बृजेश मिश्रा ,अनुज शर्मा , अनमोल शिखर ,प्रखर आदि उपस्थित रहे एवं रजनीश कुमार मिश्र ने सभी का आभार व्यक्त किया।
