।****** ।———————— उझानी बदांयू 20 दिसंबर।
इस समय गलन वाली ठंड पड रही है। जब मौसम ज्यादा ठंडा हो तो तंत्रिकाओं के आसपास रक्त की आपूर्ति बाधित होने से रोगियों को नर्व का तेज दर्द रुला दे रहा है। जिन रोगियों के जोड़ों की गठिया है उनका तो और भी बुरा हाल है। उनकी तंत्रिकाओं नसों में अधिक तेज दर्द हो रहा है। मेडिकल कॉलेज के अस्थि रोग विभाग में रोगियों की संख्या बढ़ गई है। शुक्रवार को अस्थि रोग विभाग की ओपीडी में 40 फीसदी रोगी तंत्रिकाओं ,नसों में दर्द के रहे।
विशेषज्ञों ने बताया कि सूखे जाड़े के मौसम में नसों में सिकुड़न अधिक आ जाती है। इसके अलावा तंत्रिकाओं के आसपास की मांसपेशियों में सूजन हो जाती है। इससे तंत्रिकाओं में तेज दर्द होने लगता है। इसमें माइग्रेन, सर्वाइकल स्पोंडोलोसिस, गर्दन का दर्द, कमर का दर्द बढ़ जाता है। इसके अलावा स्पाइनल कॉर्ड में गर्दन से लेकर कमर के बीच कहीं भी दर्द हो सकता है।
रीढ़ के आसपास जहां भी सूजन होगी, तंत्रिकाएं प्रभावित होंगी
वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ का कहना है कि इसे टसल टनल सिंड्रोम कहते हैं। विटामिन डी की कमी वाले रोगियों की तकलीफ भी बढ़ रही है। चिकित्सक ने बताया कि तंत्रिकाएं स्पाइनल कॉर्ड से होकर निकलती हैं। रीढ़ के आसपास जहां भी सूजन होगी, तंत्रिकाएं प्रभावित होंगी। डायबिटीज और थायरॉइड के रोगियों को भी तंत्रिकाओं में दर्द की दिक्कत हो रही है।
इस समय ठंड अधिक होने से नसों में दर्द के रोगियों की संख्या बढ़ी है।
तंत्रिकाओं के क्षेत्र में टिश्यू बढ़ जा रहे हैं। इसके अलावा घुटनों, हाथ के जोड़ों की गठिया के रोगियों को इसलिए भी दिक्कत अधिक होती है क्योंकि उनके जोड़ों के आसपास पहले से सूजन रहती है। विटामिन डी की कमी से तंत्रिकाओं की ढंग से मरम्मत न होने से रोगियों को तकलीफ हो रही है। ठंड में इसलिए भी तंत्रिकाओं में दर्द के रोगियों की संख्या बढ़ रही है।———-*————
इन बातों का रखें ध्यान।
नियमित गाय के घी का सेवन करें।
तंबाकू का सेवन न करें या न्यूनतम करें।
कुकर के बजाय तांबे के बर्तन में खाना पकाएं।
गर्म पानी से नहाएं, नहाने के पहले तेल की मालिश करें।
गर्म पानी और ग्रीन टी का इस्तेमाल करें।
गर्दन को ढंक कर रखें, ठंड से बचाव करें। है सके तो धूप से बदन को सेके।
अंजीर और पिस्ता का सेवन मुफीद होता है।——————— राजेश वार्ष्णेय एमके।