आचार्य वेद व्रत आर्य, संस्थापक वेदामऊ वैदिक विद्यापीठ, बदायूं की धर्मपत्नी तथा वेदभानू आर्य की माताजी स्वर्गीय श्रीमती राम बेटी आर्य कि आज बरसी के मौके पर हम उन्हें अपनी खिराजे अकीदत पेश करते हैं तथा अल्लाह से यह दुआ करते हैं कि वह परोक्ष रूप से हमारे साथ रहें।
तुम्हें गुजरे हुए हो गई एक साल ए बाजी
तुम्हारी याद रहती है हमारे दिल में हर घड़ी ताजी
सभी भाई मोहब्बत से तुम्हें अपनी बहना कहते थे
मोहब्बत का प्यार का जिसे हम अगना कहते हैं
बुलाकर पास अपने हामिद राजपूत जैसे भाई को
जो भर देती थी प्यार के धागों से सुनी कलाई को
उसी राम बेटी बहना की देखो आज बरसी है
इस आंगन में जिसे देखने को आंख करती है
