निकाह को आसान करें जिना को मुश्किल बनाएं
अमन कमेटी ककराला के इजलासे आम में मंगनी समीत पंद्रह रस्मों पर पाबंदी का ऐलान किया गया।।
मुसलमानों के समाज व मुआशरे में शादी ब्याह के मौके पर बे शुमार खुराफात, रुसूमात और बिदआत ने जन्म ले रखा है और मुसलमान इन गैर शरई उमूर को इस तरह अंजाम देते हैं गोया के वो किसी कानून के पाबंद ही नही हैं, हालांकि मुसलमानो को अपना पूरा निज़ाम ए जिंदगी इस्लामी तालीमात के मुताबिक़ चलाना चाहिए,
शादी व्याह की नाजायज़ और ख़िलाफ़ ए सुन्नत रुसूमात को ख़त्म करने के लिए ककराला में अमन कमेटी के नाम से एक तहरीक वजूद में आई, जिसका दूसरा इजलास ए आम ख़ानका़ह ए शाह दरगाही महबूब ए इलाही जि़यारत शरीफ ककराला में मौलाना रिफाक़त अली ख़ान की सदारत में मुनक्कि़द हुआ,
का़री नवेद की तिलावत ए कलमुल्लाह से इजलास का आगाज़ हुआ, इमाम जामा मस्जिद का़री मुकद्दस अली ने हम्दे बारी ताला पेश की, हाफ़िज़ आमिल ख़ान ने नात और हाफ़िज़ तस्लीम रज़ा ने नज़्म पेश की, मुफ्ती मोहम्मद मिनहाज ख़ान, मुफ्ती मोहम्मद फहीम ख़ान, हाफ़िज़ रिज़वान खान और हाफ़िज़ रफी अहमद ख़ान इमाम ईदगाह ने कुरआन व हदीस की रोशनी में खि़ता़ब करते हुए कौ़में मुस्लिम को इस्लामी तालिमात से रोशनास कराया, और बताया, हमारी सबकी मुश्तरिका ज़िम्मेदारी है कि निकाह मसाजिद में मुनाकि़द करें, वलीमे का पुरतकल्लुफ एहतिमाम करें, बेपर्दगी,फुजू़ल ख़र्ची,गलत रूसूूमात का खा़त्मा करें।
और अपनी दौलत मकानों की तामीर और शादियों की बजाए, मुल्को मिल्लत की तामीर और तालीम के फरोग में लगाएं,
अमन कमेटी के सेक्रेटरी हाफ़िज़ मोहम्मद आसिफ सूफी जी ने पाबंदी नामा पढ़ कर सुनाया, जिसमें मंगनी में सिर्फ दो लोग ही जाएंगे, मंगनी में कुछ भी लेना नहीं होगा, किसी भी मौक़े पर लड़की वाले के यहां से लड़के वाले के यहां खाना वगैरा नहीं जाएगा,
मंग्नी में लड़के वाले मिठाई के डिब्बे और फल फ्रूट वगैरह लेकर नहीं जाएंगे, हल्दी की रस्म, डीजे डांस, वीडियो ग्राफी, लड़के वालों का लड़की वालों के यहां दहेज उठाने के बहाने जाकर खाना खाना और रक़म लेना, सलाम ओ सलामी के वक़्त पैसे लेना, चौथी में लड़की वालों का लड़के वालों को रक़म देना, बारात या दुल्हन की आमद पर आतिशबाज़ी करना, दूल्हे के सुरमा लगाने की रस्म नहीं होगी, जूता चुराई की रस्म नहीं होगी और न चोर को पैसे दिए जाएंगे, रुखसती के वक़्त मिलाई की रस्म नहीं होगी, वगैरा का ऐलान किया गया।
जिसकी ताईद तमाम अइम्मा मसाजिद, उल्मा व हुफ्फाज़, सियासी व समाजी रहनुमा और मुअज्जि़जीने शहर ने की, और सब ने पाबंदी पर अमल करने का अहद किया,
मौलाना अफ़रोज़ ख़ान, मौलाना अज़हर ख़ान, डॉक्टर खा़लिद नदीम, मौलाना आज़म उरौलिया, महबूब अहमद सक़लैनी पूर्व अध्यक्ष ककराला ने भी इज़हारे ख़्याल फरमाया, निजा़मत के फ़राइज़ मुफ्ती अनवार अहमद ख़ान ने अंजाम दिए, इस मौक़े पर मौलाना सिद्दीक़ ख़ान, खा़लिद महमूद सदर व्यापार मंडल, इंतखाब अहमद सक़लैनी अध्यक्ष ककराला, का़री सिराजुर रहमान, मौलाना यूनुस बरकाती, हाफ़िज़ अब्दुल मन्नान, हाफ़िज़ दानिश सक़लैनी, हाजी मुशफ्फे खां राना,मास्टर मुस्लिम, मुमताज़ अहमद खां,मास्टर मुंतजिर, का़री इक़वाल, हाफ़िज़ माहिर,मास्टर मुहम्मद अली, डॉक्टर जि़याउर्रहमान,हाजी इमरान, ज़ुबैर रहमानी, उस्मान गनी खान, हाफ़िज़ अब्दुल हफीज़ खान के अलावा उलमा व हुफ्फाज़, अइम्मा मसाजिद, सियासी व समाजी रहनुमाओं और बाशिंदगाने ककराला ने कसीर तादाद में शिरकत की,,