विषय विशेषज्ञ के रूप में श्रीमती आरती ओझा ने प्रसार व्याख्यान दिया
राजकीय महिला महाविद्यालय बदायूं में दिनांक 04 अक्टूबर 2023 को गृह विज्ञान विभाग के तत्वाधान में “उन्नत पोषण एवं मानव विकास” शीर्षक पर सप्त दिवसीय ऑनलाइन व्याख्यान श्रृंखला के चतुर्थ दिवस पर नवल किशोर म्युनिसिपल कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय चंदौसी की श्रीमती आरती ओझा ने “उत्तर बाल्यावस्था में विकास” शीर्षक पर विषय विशेषज्ञ के रूप में प्रसार व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि 6 वर्ष से लेकर 12 वर्ष तक की अवस्था उत्तर बाल्यावस्था अथवा मध्य बाल्यावस्था कहलाती है। इस अवस्था की विशेषताएं बताते हुए उन्होंने बताया कि इस अवस्था को प्रारंभिक स्कूल की आयु, चुस्ती की आयु, गंदी आयु, समूह आयु, सारस अवस्था, क्षीण बुद्धि आयु, विकास में स्थिरता और स्थायित्व की आयु, आत्मनिर्भरता की आयु, जिज्ञासा की आयु, सुप्त काम प्रवृत्ति की आयु, संचय प्रवृत्ति की आयु तथा नैतिक विकास की आयु भी कहा जाता है। उन्होंने इस अवस्था के दौरान होने वाले विकासात्मक कार्य पर भी चर्चा की। उत्तर बाल्यावस्था के दौरान होने वाले विभिन्न विकास जैसे की शारीरिक विकास, क्रियात्मक विकास, सामाजिक विकास, संज्ञानात्मक विकास, भाषा विकास तथा संवेगात्मक विकास के बारे में चर्चा की तथा उपर्युक्त सभी विकासों को प्रभावित करने वाले कारकों को विस्तार से समझाया। अंत में उन्होंने छात्राओं के मन में उठे प्रश्नों के उत्तर भी दिए।
व्याख्यान के अंत में डॉ० भावना सिंह ने मुख्य वक्ता के रूप में जुडी़ श्रीमती आरती ओझा का आभार व्यक्त किया तथा छात्राओं को अगले दिन होने वाले व्याख्यान के बारे में जानकारी दी।