Pushpa रिश्ते अंकुरित होते हैं प्रेम से ! जिंदा रहते हैं संवाद से ! महसूस होते हैं संवेदनाओं से ! जिये जाते हैं दिल से ! मुरझा जाते हैं गलत फहमियों से ! और बिखर जाते हैं अहंकार से....