10:12 pm Wednesday , 28 May 2025
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भक्ति का फल होता है मन की शांति, इंद्रियों की पवित्रता : आचार्य संजीव रूप

बिल्सी, तहसील क्षेत्र के यज्ञ तीर्थ बुद्ध ने ग्राम में स्थित प्रज्ञा आर्य मंदिर में आर्य समाज का साप्ताहिक सत्संग आयोजित किया गया ! सामवेद के मित्रों से यज्ञ किया गया यज्ञ के बादवेदों के विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कहा “भगवान की भक्ति का फल धन दौलत जमीन जायदाद या दूसरी भौतिक चीज नहीं होती ! भगवान की भक्ति का फल मन की शांति होता है , इंद्रियों की पवित्रता होती है । भगवान की भक्ति करने से आत्मा का बाल बढ़ता है, आचरण पवित्र होता है ! काम क्रोध लोभ मोह आदि से व्यक्ति दूर होता चला जाता है अर्थात भक्ति करने वाला का आत्मा पवित्र हो जाता है यही भक्ति का फल है ! कुमारी मोना आर्य कुमारी कौशिक की रानी ने सुंदर भजन गाया *हम आए शरण प्रभु तेरी शरण, अच्छाई को धीरे-धीरे करने ग्रहण ! मास्टर साहब सिंह, विचित्रपाल सिंह, श्रीमती मिथिलेश, राकेश आर्य, पंजाब सिंह, श्रीमती कमलेश रानी, श्रीमती गुड्डू देवी आदि मौजूदरहे !

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