जनहित सत्याग्रह मोर्चा बदायूं द्वारा काकोरी के शहीदों की शहादत दिवस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसके साथ ही काकोरी के शहीदों को याद करते हुए उ प्र पावर कारपोरेशन निविदा /संविदा संघ के आह्वान पर एक कार्यक्रम किया गया। काकोरी के शहीदों के सपनों का भारत बनाओ – निजीकरण हटाओ कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां बिजली के निजीकरण के विरोध में माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के नाम संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी के माध्यम से अतिरिक्त मजिस्ट्रेट ज्योति शर्मा को सोपा गया lबृहस्पतिवार को समय 12बजे से अपरांत 3 तक शहीद स्मारक पार्क कचहरी परिसर बदायूं में शहीदों की स्मृति में एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई है। श्रद्धांजलि सभा में अमर शहीद पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल,अशफाक उल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह और राजेंद्र लाहिड़ी को पुष्पांजलि अर्पित की गई।उ प्र पावर कारपोरेशन निविदा/ संविदा कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने कहा। काकोरी की घटना देश की आजादी के आंदोलन की महत्वपूर्ण घटना है। इस घटना से आजादी के आंदोलन ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ संघर्ष को एक नई दिशा दी। 9 अगस्त 1925 को हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन के दस सदस्यों ने काकोरी स्टेशन के पास इस घटना को अंजाम दिया। इसमें चार क्रांतिकारियों को फांसी की सजा हुई। इन क्रांतिकारियों ने एक शोषण विहीन समाज का सपना देखा था। लेकिन आज पूंजीवादी लुटेरे देश की संपदा को लूट रहे हैं। और मेहनतकश जनता का शोषण कर रहे हैं। आज की सरकारें देश के संस्थानों का निजीकरण कर पूंजीपतियों को सौंप रही हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार बिजली विभाग का निजीकरण कर रही है। इससे हजारों कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में जा रहा है। इसके अलावा इससे आम बिजली उपभोक्ताओं पर भी इसका फर्क पड़ेगा। कर्मचारी संघ बिजली के निजीकरण को स्वीकार नही करेगा। गोष्ठी को संबोधित करते हुए क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के डा मुन्ना लाल ने कहा कि काकोरी के शहीद कौमी एकता की मिसाल है। इन शहीदों की साझी विरासत हम सभी मिल जुलकर शोषण उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष करने की प्रेरणा देती है। काकोरी के शहीदों ने साथ साथ संघर्ष किया और साथ साथ शहीद हुए। जनहित सत्याग्रह मोर्चा के अध्यक्ष प्रेमपाल सिंह ने कहा। कि देश के क्रांतिकारी शहीदों ने सपना देखा था कि आजादी के बाद हमारा देश एक समाजवादी देश बने। जिसमे किसी भी तरह का शोषण उत्पीड़न ना हो। किसी के साथ कोई भेदभाव न हो। लेकिन इन शहीदों का सपना आज भी अधूरा है। आज देश में सांप्रदायिकता और जातिवाद का बोलबाला है। पूंजीवादी व्यवस्था आम मेहनतकश जनता का खून चूस रही है। सत्ताधारी लुटेरे जनता को जाति धर्म में बांटकर देश को लूट रहे हैं। राष्ट्रीय मध्यान्ह भोजन रसोइया कर्मी वेलफेयर एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष तुलसी मौर्य ने कहा। जिन शहीदों की कुर्बानियों से देश को आजादी मिली। उनके सपनों का देश नही बन पाया। मुट्ठी भर पूंजीपति देश की धन दौलत पर कब्जा किए हैं। आम जनता के सामने रोजी रोजगार का संकट है। पूरे देश के लोगों को ठेका संविदा की गुलामी में झोंक दिया गया है। ठेका/ संविदा/ निविदा कर्मचारी, रसोइया , आशा, आंगनवाड़ी सबसे गुलामी कराई जा रही है। इन्हें अत्यंत अल्प मानदेय दिया जा रहा है। वो भी कभी समय पर नहीं मिलता।
जनहित सत्याग्रह मोर्चा के महामंत्री और प्राइवेट टीचर एसोसिएशन के चरण सिंह यादव ने कार्यक्रम का संचालन किया। उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा। कि यदि हम शहीदों के सपने का भारत बनाना है। तो हैक जातिवाद, सांप्रदायिकता, अंधविश्वास और पाखंडवाद के खिलाफ लड़ना होगा। इसके साथ साथ देश में मौजूद पूंजीवादी व्यवस्था जिस पर सवार होकर शासक वर्ग और उसकी पार्टियां देश को लूट रही हैं। इनके खिलाफ भी संघर्ष करना होगा। मूल निवासी संघ के साथी सुनील ने कहा कि वर्तमान पूंजीवादी राजनीतिक व्यवस्था शोषण पर टिकी हुई है। ये तब तक जारी रहेगा जब तक देश की सत्ता और संसाधनों पर देश के वास्तविक मालिकों का कब्जा नहीं होता। आज देश की पूरी राजनीतिक व्यवस्था चांद पूंजीपतियों के हितों के अनुरूप काम कर रही है। आम जनता गरीबी, महंगाई , जातीय व धार्मिक उत्पीड़न की मार झेल रही है। इसे बदलने की जरूरत है। कार्यक्रम को डा सतीश, हर्षवर्धन, कृष्ण गोपाल, एड सी एल गौतम, एड पवन गौतम, शान्ती देवी, मार्शल जी, राकेश कुमार, विपिन कुमार, मुशब्बीर अली, परवेज, राजेश जौहरी, सत्यपाल शाक्य, चंद्रपाल शाक्य, ओमकार सिंह आदि लोगों ने संबोधित किया।