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उझानी बदांयू 2 दिसंबर।
शास्त्रों अनुसार खरमास में शादी, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश और नया व्यवसाय आदि कार्य करने से बचना चाहिए। यह कुल एक माह तक चलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सनातन धर्म में खरमास का विशेष महत्व होता है। हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार खरमास के दिनों में शुभ कार्य नहीं किया जाता। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल में दो बार खरवास लगता है। साल 2024 का दूसरा खरमास 15 दिसंबर से शुरू हो रहा है इस दिन धनु संक्रांति भी है। खरमास 15 दिसंबर से शुरू होकर 14 जनवरी के दिन समाप्त होगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार खरमास में भगवान सूर्य और श्री हरि विष्णु की पूजा आराधना का विधान है। खरमास में किसी भी शुभ कार्य पर प्रतिबंध होता है यानि इस दौरान शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, वाहन खरीदारी, व्यापार की शुरुआत नहीं हो सकती।
खरमास में पूजा-पाठ भजन कीर्तन करने का विधान है। भजन कीर्तन करने के लिए खरमास का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। खरमास के दिनों में दैनिक पूजा-पाठ करना चाहिए, भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने से कई गुना फल की प्राप्ति भी होती है।
