बदायूं की बात – सुशील धींगडा के साथ
कुछ ऐसे मिले जो बन गए सच्चे साथी
बदायूं एक्सप्रेस जब आपके सामने आया उस समय जीएस हीरो के श्री रमेश गुप्ता और उनका स्वर्गवास होने के उपरांत अनमोल और अनुपम जिम्मी का सहयोग हमारे साथ हो गया जबकि इस बीच एक्सप्रेस की टीम में राजेश मिश्रा, जय वार्ष्णेय, डा राशिद, नेत्रपाल सैलानी, पीएस पटेल जैसे सक्रिय साथी शामिल हो गए तो एक्सप्रेस की लोकप्रियता शिखर की राह पर चलती चली गई और इस दौरान जनपद के दूरदराज क्षेत्र के पाठक बदायूं एक्सप्रेस के व्हाटसअप ग्रुप, फेसबुक पेज में शामिल होते चले गए। लगभग तीन वर्ष तक यह टीम काफी सक्रिय रही लेकिन इस अवधि में कुछ साथी हमारे अथवा अपने व्यक्तिगत कारणों से अलग भी हुए। इस अवधि में एक सीख भी मिली कि साथ दिखने और साथी होने का गुणगान करने वाला हर व्यक्ति अपना नहीं होता। कुछ लोग ऐसे मिले जिन्होंने अपना होने का दावा करते हुए उपयोग किया लेकिन सहयोग की बात जब शुरू की तो दूर होते चले गए। हालांकि उनसे कोई ऐसी शिकायत नहीं है लेकिन दुख बहुत हुआ जबकि कुछ लोग इस कारण से अलग हुए कि वह पोजटिव समाचारों की जगह निगेटिव समाचारों को सामने लाने का जोर बनाने लगे जिसको बदायूं एक्सप्रेस की टीम ने स्वीकार नही किया। बस अच्छी बात यह रही कि एक्सप्रेस टीम में कुछ ऐसे साथी बने जो हर वक्त और हर कदम पर साथ देने को हमेशा साथ रहे उनका मैं व्यक्तिगत रूप से नाम लेकर आगे चलकर आभार व्यक्त करूंगा।