सीता के रक्षार्थ ही, तजे जटायू प्रान निज परिजन सा ही किया, दाह कर्म भगवान अशोक खुराना,बदायूँ
Read More »व्यवहार में सुंदरता- Koki Tyagi
Koki Tyagi व्यवहार में सुंदरता होनी चाहिए, फिल्टर से चेहरे चमकते हैं, मन नहीं !! सुप्रभात
मेरी “उलझनों” में – Gunjan Agrawal
Gunjan Agrawal मेरी “उलझनों” में भी सुरूर तुम्हारा है, जितनी सुलझना चाहूं, उतनी ही खुद-ब- खुद उलझती जाती हूं..!!! गुंजन शिशिर
Read More »कलयुग की दुनिया- Sugandha Sharma
Sugandha Sharma कलयुग की दुनिया है कदर उसकी नही होती जो सच मे रिश्ता निभाता है कदर उसकी होती है जो सबसे ज्यादा दिखावा करता है..! सिर्फ वक्त के भरोसे मत बैठे रहना,किस्मत वाले के हाथ खाली रह सकते है मेहनत करने वाले के नही.. #सुप्रभात_जिंदगी #सुगंधा
#हर_हर_महादेव
लुका- छिपी – Gunjan Agrawal
Gunjan Agrawal सुनो… तुम संग “लुका- छिपी करना मुझे कतई पसंद नहीं, जिस पल मैं तुम्हारे साथ हूं ,सिर्फ तुम्हारी ही हूं, उन पलों को समेटकर सहज लेना चाहती हूं अपने “हृदय के संदूक” में, ताकि हमारी कुछ अच्छी यादों को अपने पास जीवन भर के लिए संचित कर सकूं..!!! …
Read More »उस झगड़े का क्या- Sugandha Sharma
Sugandha Sharma उस झगड़े का क्या फायदा.. जो अपनों से ही किया जाए…! मजा तो तब है हार जाने के बाद भी सम्बन्ध को फिर से जिया जाए..! #सुप्रभात_जिंदगी #सुगंधा
#हर_हर_महादेव
#जय_माता_लक्ष्मी
#वंदे_मातरम्
अन्तर्मन में झाँककर – अशोक खुराना
अन्तर्मन में झाँककर – अशोक खुराना जाने अनजाने करे, मानव कितने पाप अन्तर्मन में झाँककर, देखें हम और आप अशोक खुराना,बदायूँ
Read More »अपनी ढपली, अपना राग सपाई चल रहे – बदायूं में आपसी द्वेश के साथ ?
बदायूं की बात – सुशील धींगडा के साथ थ्जले की समाजवादी राजनीति में एक समय था जब जिलाध्यक्ष बनवारी सिंह यादव के सामने अपने ढंग से अपनी बात कहने का साहस किसी सपाई में नहीं दिखता था और इसी लिए उस समय यह कहा जाता था कि बनवारी सिंह ने …
Read More »मैं जैसी हूं- Gunjan Agrawal
Gunjan Agrawal मैं जैसी हूं ,सबके सामने भी मैं वैसी ही हूं, इसलिए शायद हर किसी की “समझ से परे” हूं..!!! गुंजन शिशिर
Read More »दौर हवाओं का- Sugandha Sharma
Sugandha Sharma दौर हवाओं का ही कायम रहता है… आंधियां देर तक नहीं चला करती | #सुप्रभात_जिंदगी #सुगंधा
#हर_हर_महादेव
#ॐ_नमो_भगवते_वासुदेवाय_नमः
#वंदे_मातरम्