बिल्सी
गर्मी का तापमान लगातार बढ़ रहा है, जिसका सीधा प्रभाव मक्का की फसल पर पड़ सकता है। मक्का गर्मी की फसल जरूर है पर इसकी वृद्धि और उत्पादन के लिए उचित नमी बेहद आवश्यक है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार किसानों को चाहिए कि वे मौसम की स्थिति को देखते हुए खेती की योजना बनाएं। बढ़ती गर्मी और बदलते मौसम के चलते मक्का की फसल को समय पर सिंचाई व देखभाल की जरूरत है, जिससे पैदावार अच्छी हो और आर्थिक नुकसान से बचा जा सके।विशेष रूप से फूल आने और दाना बनने की अवस्था में नमी की कमी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इस समय पर पानी की कमी से दाने पूरी तरह नहीं बन पाते और उत्पादन घट जाता है। किसानों को चाहिए कि मक्का की फसल की अवस्था के अनुसार समय पर सिंचाई करें और खेत में नमी बनाए रखें। मक्का के बीज के अंकुरण से लेकर दूधिया अवस्था तक मिट्टी में नमी का बने रहना अत्यंत आवश्यक होता है। कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि खेत में नमी बनाए रखने के साथ-साथ खरपतवार नियंत्रण और संतुलित उर्वरक प्रबंधन पर भी ध्यान देना जरूरी है। समय पर की गई देखभाल न केवल फसल की मात्रा बढ़ाती है बल्कि गुणवत्ता को भी बेहतर बनाती है। इसके अलावा किसान फसलों की सिंचाई शाम के समय ही करें।
बढ़ते तापमान का प्रभाव
वर्तमान में बढ़ते तापमान के कारण मिट्टी की नमी तेजी से सूख रही है, जिससे पौधों की वृद्धि पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। मक्का की पहली सिंचाई बोआई के 20 से 25 दिन बाद करनी चाहिए। इसके बाद हर 10 से 12 दिन के अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए।——————————– अतुल वार्ष्णेय।