बदांयू 27 अप्रैल।
पीड़ितों को न्याय के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े, इसके लिए प्रदेश सरकार ने थाना समाधान दिवस का आयोजन किया। यहां पर हर बार लोग अपनी न्याय की उम्मीद लेकर आते हैं और किस्मत को कोसते हुए वापस चले जाते हैं। मुख्य कारण है कि अधिकतर मामले राजस्व के होते हैं, जिसका समाधान इतनी आसानी से हो नहीं पाता है। पीड़ित हर बार अपनी शिकायत लेकर आते हैं और अधिकारी भी कार्रवाई के नाम पर आश्वासन देकर इतिश्री कर लेते हैं। इसी उम्मीद से लोग वर्षों से दौड़ रहे हैं कि शायद इस बार समस्या का समाधान हो जाएगा, लेकिन वह केवल सपना ही रह जाता है। प्रदेश के सभी जिलों में शनिवार को थानों पर समाधान दिवस का आयोजन किया जाता है, जहां पर लोगों की शिकायतों को सुना जाता है और त्वरित कार्रवाई भी करने का फरमान है।मगर अब थानों में होने वाले समाधान दिवस रस्म अदायगी भर रह गये है, शिकायत कर्ताओं को कार्रवाई का आश्वासन देकर वापस कर दिया जाता है। कई फरियादी पिछले काफी समय से चक्कर लगा रहे हैं। वहीं अब होने वाले समाधान दिवस में सक्षम अधिकारियों का ना होना भी एक वज़ह है, शिकायतें आने पर बामुश्किल 10% समस्याओं का ही समाधान संभव हो पाता है बाकी लोगों को बैरंग लोटने पर मजबूर होना पडता है।
