बदांयू 15 मई।
जिले में बिना पंजीकरण के संचालित अवैध अस्पतालों का मकड़जाल है। बिना चिकित्सक और अप्रशिक्षित स्टाफ के इनका संचालन हो रहा है। आए दिन जच्चा-बच्चा के जान गंवाने के मामले भी सामने आ रहे हैं। विभाग की ओर से इन पर कार्रवाई तो दूर, जिले के जिम्मेदारों को पंजीकृत अस्पतालों की संख्या तक नहीं पता है। 20 अप्रैल के बाद जिले के अधिकांश पंजीकृत अस्पताल भी पंजीकरण समाप्त होने से अवैध की सूची में आ गए हैं।
जिले में बिना नक्शा, फायर एनओजी, पंजीकरण और अप्रशिक्षित स्टाफ के साथ सैकड़ों की संख्या में अस्पतालों का संचालन हो रहा है। यह प्राइवेट क्लीनिक व अस्पताल नियमों की अनदेखी कर गलियों तक में संचालित हो रहे हैं। सबसे ज्यादा खराब हाल शहर और उझानी क्षेत्र का है। यहां करीब छोटे-बड़े 40 अस्पताल संचालित हो रहे हैं। कागज कितनों के पास हैं, रजिस्ट्रेशन है या नहीं, विभाग इस पर मौन हे। उझानी, बिल्सी, बिनावर, दातागंज के अस्पतालों में कुछ दिन पहले जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। दूसरे अस्पताल में गर्भपात के दौरान महिला की हालत बिगड़ गई। सूत्र बताते हैं कि विभाग ने सिर्फ दो अस्पतालों को अभी नोटिस थमाया है।
30 अप्रैल से जिले में संचालित निजी अस्पतालों का पंजीकरण समाप्त हो चुका है। एक मई से नवीनीकरण की प्रक्रिया चल रही है। कुछ अस्पतालों ने इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। कई बिना नवीनीकरण के ही संचालित हो रहे हैं। विभाग के मुखिया को अभी इसका पता नहीं है कि मई में अब तक कितने अस्पतालों के पंजीकरण का नवीनीकरण किया गया है।