महाराजा हरिश्चंद्र महिला युवा समाज द्वारा मातृ सम्मेलन का आयोजन: मदर-डॉटर डांस और ‘मिशन सिंदूर’ पहल बनी आकर्षण का केंद्र
“चलती है जब माँ की दुआएँ साथ,
तो हर राह लगती है खास।
जिसके आँचल में सुकून बसे,
वो माँ है, खुदा का सबसे हसीन एहसास।”
माँ… एक ऐसा शब्द, जो सिर्फ बोलने भर से दिल को सुकून देता है। माँ केवल जन्म नहीं देती, वह जीवन को आकार देती है, संस्कारों से सजाती है, और हर कठिनाई में ढाल बनकर खड़ी रहती है। ऐसी ही माताओं के सम्मान में महाराजा हरिश्चंद्र महिला युवा समाज ने Mother’s Day के अवसर पर एक विशेष मातृ सम्मेलन का आयोजन किया।
इस अवसर पर समाज द्वारा विशेष रूप से “मदर-डॉटर डांस” कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जो कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा। विभिन्न आयु वर्ग की माताओं और बेटियों ने मंच पर मिलकर नृत्य प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें भावनात्मक जुड़ाव और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति दोनों का अद्भुत संगम देखने को मिला। यह दृश्य न केवल प्रेरणादायक था, बल्कि एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक प्रेम, विश्वास और शक्ति का प्रतीक भी बना।
इस कार्यक्रम में आज सम्पन्न हुई एक अत्यंत संवेदनशील और सशक्त पहल “मिशन सिंदूर” का भी उल्लेख किया गया। Mission Sindoor उन बहादुर महिलाओं को समर्पित है जिन्होंने अपने पतियों को पाहलगाम हमले में खो दिया। इस मिशन के तहत ऐसी महिलाओं को एक बार फिर से समाज में सम्मान के साथ जीने का हक दिलाने, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और उनका मनोबल बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। कार्यक्रम के दौरान इन महिलाओं के संघर्ष और पुनर्निर्माण की प्रेरणादायक कहानियाँ भी साझा की गईं, जिसने सभी उपस्थितों को भावुक कर दिया।
महाराजा हरिश्चंद्र महिला युवा समाज का यह आयोजन न केवल मातृत्व का सम्मान है, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस पहल भी है। भविष्य में भी समाज इसी तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को प्रोत्साहित करता रहेगा।