बदांयू 4 मई।
बदांयू जिले में अवैध आरओ प्लांट का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। इससे इसका असर भू-गर्भ जलस्तर पर पड़ रहा है। आरओ प्लांट की बोरिंग को लेकर कोई मानक निर्धारित नहीं है। आरओ प्लांट संचालकाें की ओर से भू-गर्भ जलस्तर का मनमाना दोहन किया जा रहा है। साथ ही आरओ प्लांट के पानी की गुणवत्ता की जांच भी नहीं की जाती।
शहर की तरह क्षेत्र में भी आरओ प्लांट धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। लेकिन, इनके लिए कोई नियम-कानून नहीं है। नियम-कानून को दरकिनार कर आरओ प्लांट का संचालन किया जा रहा है। आरओ प्लांट के नाम पर लोगों को कैसा पानी पिलाया जा रहा है, इसकी कोई जांच जिम्मेदारों द्वारा नहीं की जाती है।
लोग आंख मूंद कर आरओ प्लांट के पानी का इस्तेमाल करते हैं। उन्हें यह भी नहीं पता होता है कि इसकी गुणवत्ता कैसी है। यह सेहत के लिए ठीक है, या नहीं। नियमानुसार आरओ प्लांट व्यवसायियों के पास ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड का लाइसेंस होना चाहिए।
लेकिन, धरातल पर इस नियम का पालन नहीं किया जाता। साथ ही जिले में ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड का कोई कार्यालय भी नहीं है। स्थिति यह है कि जिन डिब्बों में भरकर आरओ प्लांट का पानी सप्लाई किया जाता है, उनकी साफ-सफाई भी कभी नहीं की जाती है। गर्मी में इन आरओ प्लांट के पानी के जार दुकानों सहित वैवाहिक समारोह में भी नजर आते हैं। शायद ही कभी देखा हो कि इनकी शुद्धता की जांच की जाती हो।