बदायूं की बात – सुशील धींगडा के साथ
बदायूं में कुछ भ्रष्ट अधिकारियों और कम्प्यूटर संचालक माफिया के सिंडीकेट ने ना जाने कितने छात्रों का भविष्य गर्त में णकेल दिया है इसको उन पंजीकृत बच्चों के परिजनों से पूछो जिन्होनें कौशल विकास योजना के सहारे बच्चे के कुछ काबिल होने की लालसा लेकर पंजीकृत कराया था लेकिन सुविधा शुल्क ना देने के कारण कम्प्यूटर केंद्र संचालक ने अनुर्तीण कर दिया। पास और फेल के इस खेल में कितना घोटाला किया गया है उसका अंदाजा माफिया के कम्प्यूटर सेंटर से पंजीकृत छात्रों के प्राप्तांको से लगाया जा सकता है जिनको मनमाना रूख अपनाते हुए माफिया संचालक द्वारा प्राप्ताकों की बरसात की तरह दिलाये गए हैं जबकि दूसरे केंद्रों पर पंजीकृत छात्रों एवं सुविधा शुल्क ना पाने वालों को पिछडने की राह पर चलने औा सिर पकड कर बैठने को मजबूर कर दिया है।
आम आदमी को ऐसा लग रहा है कि माफिया और कौशल विकास योजना में संचालन में शामिल कुछ भ्रयट अफसरों ने कोशल विकास योजना को अपनी तिजोरिया भरने का माध्यम बना है और उनकी निगाह में किसी के भविष्य का कोई मूल्य ही नहीं है।
