9:57 pm Saturday , 24 May 2025
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जनता के दर्द और संगठन से सत्ता, निर्बल की आवाज से फर्श से अर्श तक बीएल वर्मा !

बदायूं की बात – सुशील धींगडा के साथ
बदायूं में जमीन से जुडे राजनेतिकों की बात पर विचार करें तो तमाम नाम जेहन में आ जाते हैं, जमीन से लेकर अपने कार्यकर्ताओं की चिंता करने वालों की बात करें तो भी कुछ नाम सामने आ जाते हैं लेकिन जनपद में जमीन से जुडकर कार्यकर्ताओं के हित के साथ आम आदमी के दर्द पर विचार करने वाले राजनेतिक को ढूंढा जाये तो वर्तमान में केंद्र सरकार के राज्यमंत्री बीएल वर्मा का नाम सामने आएगा और यह बात ऐसा सत्य है जो राजनीति में बहुत मुश्किल से दिखा करती है।
बदायूं जिले के उझानी निवासी बीएल वर्मा ने राजनेतिक जीवन पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के जीवन से प्रभावित होकर शुरू की और इस दौरान श्री वर्मा सदैव सादा जीवन – उच्च विचार की राह पर चलते हर कदम और हर मोड पर बाबू जी के पीछे चलते रहे। सादा जीवन आज भी उस समय चर्चा में रहता है ज बवह उझानी के सडकों पर कभी सब्जी और कभी अन्य सामान लेने पैदल निकलते दिखाई देते हैं और उस बीच कार्यकर्ताओं के पढाव पर बैठना और उनसे साधारण नागरिक की तरह बातचीत करना सदैव चर्चा में रहा करता है। उझानी में बाबू कल्याण सिंह की प्रतिमा स्थापित कराना श्री वर्मा का कल्याण सिंह के प्रति एक लगाव के रूप में देखा जा रहा है। संगठन के प्रति सदैव निष्ठावान दिखने वाले श्री वर्मा पार्टी से जुडे कार्यकर्ताओं के लिए सदैव चिता में रहते हैं और कोई ऐसा कार्यकर्ता नहीं मिलेगा जिसके सुख और दुख मे ंबीएल वर्मा दिखाई नहीं देते हों और इतना सब होने के बाद श्री वर्मा की भगवान के प्रति आस्था कार्यकर्ताओं को एक अलग प्रेरणा देती नजर आती है।
राजनेतिक क्षेत्र में कहावत तो यह कही जाती है कि कुर्सी मिलने के बाद लोग निगाहें फेर लेते हैं लेकिन बीएल वर्मा की निगाह ऐसी है जिसे देखकर अपने तो क्या गैर भी उनको घेर लेते हैं लेकिन श्री वर्मा की ना तो निगाहे बदलती हैं और ना हीं अपनों की चिंता कम होती है और क्षेत्र का विकास कराना उनकी प्राथमिकता में शामिल नजर आया करता है।

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