बदायूं की बात – सुशील धींगडा के साथ
बदायूं में कौशल विकास योजना में कम्प्यूटर संचालक माफिया का सरकारी अनुदान को ठिकाने लगाने के लिए कितना मजबूत सिंडीकेट है इसका अंदाजा योजना के संचालन से कुछ भ्रष्ट अफसरों की चुप्पी से लगाया जा सकता है जिनको ना तो माफिया के कम्प्यूटर केंद्र पर होने वाली अवैध वसूली दिखाई दी और ना ही इस बात को संज्ञान में लिया कि कि प्रयोगात्मक परीक्षा के बाद मुख्यालय को प्राप्तांकों की सूची दिन बाद क्यों भेजी गई। आज भी माफिया के कम्प्यूटर सेंटर पर लगे सीसीटीवी को खंगाला जाये तो सारी असलियत सामने आ सकती है लेकिन माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई करना तो दूर उसके केंद्र की तरफ आंख उठाकर देखने की हिम्मत वह अधिकारी कैसे करें जो डंके चोट और पैसे के बल सारे नियमों को ताक पर रखवाकर अपने केंद्र पर प्रायोगत्मक परीक्षा की स्वीकृति लेकर आया था।
