बदायूं की बात – सुशील धींगडा के साथ
बदायूं की छह विधानसभा सीटों में बिल्सी, दातागंज और बदायूं पर तीन विधायक भाजपा के हैं जबकि तीन स्थानों बिसौली, सहसवान और शेखूपुर के विधायक सपा के हैं। केन्द्र और प्रदेश में सरकार भाजपा की है जबकि बदायूं जिले से सम्बृद्ध होकर बनने वाली लोकसभा सीट बदायूं और आंवला पर सपा का कब्जा है। मजेदार बात यह है कि सपा के किले को ध्वस्त करने और इतना सब होने केे बावजूद प्रदेश की सरकार के मंत्रीमंडल में बदायूं की बात कहने और प्रतिनिधित्व करने वाला कोई नहीं है। अब आम आदमी को लगता है कि भाजपा की कन्द्र सरकार मे ंतो बीएल वर्मा बदायूं का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन प्रदेश मंत्री मंडल में बदायूं को जगह नहीं मिल पाई है और इसी के चलते बदायूं में विकास की वह लहर दिखाई नहीं दे रही जो प्रदेश मंत्रीमंडल में शामिल मंत्रियों के क्षेत्र में दिख रही है। बदायूं वाले चाहते हैं कि बदायूं के किसी विधायक को प्रदेश मंत्रीमंडल में शामिल किया जाए जिससे बदायूं को लालबत्ती वाली कार के साथ विकास की बहार देखने को मिल सके।
