11:07 pm Saturday , 14 June 2025
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नमस्ते जी- आचार्य संजीव रूप

🕉️🙏 नमस्ते जी🙏🕉️
“आचार्य संजीव रूप ”

🌹 फाल्गुन – शुक्ल – द्वितीया – २०८१ 🌹

🪷 * 01 मार्च 2025* 🪷~~~~~~
दिन —– शनिवार
तिथि — द्वितीया
नक्षत्र — पूर्वा भाद्रपद
पक्ष —— शुक्ल
माह– — फाल्गुन
ऋतु ——- 🌸 बसंत
सूर्य —- उत्तरायण
विक्रम सम्वत — 2081
दयानन्दाब्द — 201
वङ्गाब्द – 1430
शक सम्बत -. 1946
कलयुगाब्द,: 5126
सृष्टिसम्वत- 1960853125
सूर्योदय-/सूर्यास्त (दिल्ली- 6:47/ 6ः 21 (लखनऊ : 6: 3 0 / 6:07 मुम्बई 6:58 / 6ः 44
सूर्य : कुम्भ राशि / चन्द्र : मीन
ब्रह्म मुहूर्त : 5:15 से 6:O 3

🌷 रूप वाणी
मोक्ष पाने के लिए भगवान बनना होता है,अर्थात भगवान के गुण कर्म और स्वभाव के जैसा अपना गुण कर्म स्वभाव बनाना !

🍅 पहला सुख निरोगी काया
नींबू : यदि आपके पाचन अंग कार्य नहीं करते भोजन नहीं पचता गैस बनती है पेट फूल जाता है रात को नींद नहीं आती तो एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस मिलाकर बार-बार पीते रहने से पाचन अंग और शरीर की धुलाई हो जाती है रक्त और शरीर के सभी विषैले पदार्थ मूत्र द्वारा निकल जाते हैं

🌷 संजीव रूप
सरस वेदकथाकार,पुरोहित,कवि
-यज्ञतीर्थ- गुधनी-बदायूँ(उप्र)
9997386782 wu 9870989072

हिन्दी संकल्प पाठ 🏵

हे परमात्मन् आपको नमन! आपकी कृपा . मैं आज एक यज्ञ कर्म को तत्पर हूँ, आज एक ब्रह्म दिवस के दूसरे प्रहर कि जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर वर्तमान है,अट्ठाईसवीं चतुर्युगी का कलियुग वर्तमान है। सृष्टिसम्वत एक अरब छियाननवे करोड़ आठ लाख तिरेपन हजार एक सौ पच्चीसवां है,कलियुगाब्द 5126, विक्रम सम्वत् दो हजार इक्यासी है,दयानन्दाब्द 2O1 वां है, सूर्य उत्तर अयन में वर्तमान है ,कि ऋतु बसंत, *मास फाल्गुन *शुक्ल पक्ष- तिथि-द्वितीया ,नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद है, आज शनिवार है, 01मार्च 2025 को भरतखण्ड के आर्यावर्त देश के अंतर्गत, ..प्रदेश के ….जनपद…के ..ग्राम/शहर…में स्थित (निज घर में,या आर्यसमाज मंदिर में मैं …अमुक गोत्र में उत्पन्न, पितामह श्री ….(नाम लें ).के सुपुत्र श्री .(पिता का नाम लें)उनका पुत्र मैं …आज सुख ,शान्ति ,समृद्धि के लिए तथा आत्मकल्याण के लिए प्रातः वेला में यज्ञ का संकल्प लेता हूँ!(ऋत्विक वरण)- जिसके निर्देशक /ब्रह्मा के रूप में आप आचार्य….. श्री का वरण करता हूँ,

🕉️ संस्कृत संकल्प पाठ:🕉

ओं तत्सद्।श्री ब्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे , एकोवृन्दः षण्णवतिकोटि: अष्टलक्षाणि त्रिपञ्चाशत्सहस्राणि पञ्च विंन्शत्युत्तरशततमे सृष्टिसंवत्सरे, पञ्चसहस्त्राणि षड्विशत्युत्तरशततमे कलियुगे, एकाशीति द्विसहस्रतमे वैक्रमाब्दे ,, शाके १९४५ दयानन्दाब्दे( एकाधिकद्वि शततमे ) 201 , रवि उत्तरायणे, दक्षिण गोले,बसंत ऋतौ, फाल्गुन मासे, शुक्ल पक्षे, द्वितीया तिथि, पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र, शनिवासरे तदनुसारम् आङ्गलाब्द 2025 … मार्च मासः, 01*
दिनाङ्क*।
जम्बूद्वीपे,…
भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर् गते ………प्रदेशे ,……..जनपदे.. ..नगरे……गोत्रोत्पन्नः….श्रीमान्.(पितामह)….(पिता..).पुत्रस्य… अहम् .'(स्वयं का नाम)…..अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शान्ति समृद्धि हितार्थआत्मकल्याणार्थम् ,रोग -शोक निवारणार्थम् . सर्वेषां कृते मङ्गलमयं भूयात्!🙏

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