Sugandha Sharma इंसान की समझ सिर्फ इतनी सी है कि उसे जानवर कहो तो नाराज हो जाता है और शेर कहो तो ख़ुश हो जाता है…… #सुप्रभात_जिंदगी #सुगंधा
Read More »साहस की बाते – Archana Upadhyay
Archana Upadhyay युद्ध जब भी हुए हैं गवाह बनी है किताबें। । हर एक पन्नों पर लिखी गई जीत और साहस की बाते। ।
Read More »सिर्फ तितलियों को – Gunjan Agrawal
Gunjan Agrawal सिर्फ तितलियों को ही अनुमति होती है, अपने मनपसंद पुष्प का रसपान करने की.. काश कि ये अनुमति स्त्रियों/लड़कियों के, हिस्से भी कभी आ सकती, अपने मनपसंद पुरुष के साथ, जीवनयापन करने की…!!!! गुंजन शिशिर
Read More »जीना है तो कर्ण की तरह जीयो – Pushpa
Pushpa जीना है तो कर्ण की तरह जीयो, जिसका भी साथ दो खुले आम दो विरोधी कहलाओगे ग़द्दार नहीं.
Read More »यू खटकने लगे – Archana Upadhyay
Archana Upadhyay यू खटकने लगे, हम उनकी निगाहों में!! पहले सवाल तो, अब शिकायतें करने लगे!!!
Read More »उन दोनों को – Gunjan Agrawal
Gunjan Agrawal उन दोनों को जाना भी था , लेकिन दोनों जा भी नहीं रहे थे.. क्यूंकि दोनों को जितना एक दूसरे का साथ मिलता, दोनों को हमेशा वह कम ही लगता.. इसलिए शायद वह दोनों कुछ देर और, एक दूसरे के साथ रहना चाहते थे..!!!! गुंजन शिशिर
Read More »आंखें जब भर आई – Archana Upadhyay
Archana Upadhyay आंखें जब भर आई तो!! कलम ने साथ दिया!! लिखे हर लफ्जों ने!! बस तेरा ही नाम लिया!!
Read More »सिंदूर – Gunjan Agrawal
Gunjan Agrawal सिंदूर की आहुति जिन हाथों ने ली थी, आज उन्हीं की बलि लेने, “ऑपरेशन सिंदूर” निकल पड़ा है..!!!
Read More »जीवन में – Sugandha Sharma
Sugandha Sharma जीवन में कई परिस्थितियां बनती हैं कुछ आपके लिए अच्छी कुछ ख़राब हो सकती हैं पर सिखा कर दोनों जाती हैं । #सुप्रभात_जिंदगी #सुगंधा #हर_हर_महादेव #ॐ_श्री_गणेशाय_नमः #वंदे_मातरम्
Read More »फूल- Gunjan Agrawal
Gunjan Agrawal वह “फूल”, जिन्हें हम बेहद पसंद करते हैं , और उन्हें पाने की ख्वाहिश में , टकटकी लगाए देखते रहते हैं , ऐसा करते हुए हम क्यों भूल जाते हैं कि, वह फूल किसी और ही बगिया के साथी हैं..!!! गुंजन शिशिर
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