प्रत्येक वर्ष 24 फरवरी के दिन देश में केंद्रीय सीमा उत्पाद दिवस (Central Excise Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य केंद्रीय उत्पाद और कस्टम बोर्ड ऑफ इंडिया का अर्थव्यवस्था में योगदान का सम्मान करना है। इसके अलावा संस्थान के अधिकारियों द्वारा की गई कड़ी …
Read More »अनंत पै -(17.11.1929 – 24.02. 2011)
अनंत पै (Anant pai) (17.11.1929 – 24.02. 2011) अनंत पै (Anant pai) भारतीय शिक्षाशास्री, भारतीय कॉमिक्स तथा अमरचित्र कथा के संस्थापक थे। 1967 में शुरू की गई इस कॉमिक्स श्रृंखला के द्वारा बच्चों को परंपरागत भारतीय लोक कथाएँ, पौराणिक कहानियाँ और ऐतिहासिक पात्रों की जीवनियों के बारे में बताया गया।
Read More »होठों का कहा – Gunjan Agrawal
Gunjan Agrawal होठों का कहा गलत हो सकता है लेकिन, आंखों का आंखों से सुना हुआ कभी गलत नहीं होता..!!! गुंजन शिशिर
Read More »सुबह- Pushpa
Pushpa सुबह का हर पल ज़िंदगी दे आपको, दिन का हर लम्हा खुशी दे आपको, जहा गम की हवा छू कर भी न गुज़रे, खुदा वो जन्नत से ज़मीन दे आपको. Good Morning
Read More »धुआँ – Sugandha Sharma
Sugandha Sharma धुआँ बन के मिल जाओ हवाओं में तुम साँस लेकर तुम्हें दिल में उतार लेंगे हम..! #सुप्रभात_जिंदगी #सुगंधा
#स्वीट_संडे #हर_हर_महादेव
नेता जी इक ट्रेन दिला दो अपना कुछ प्रभाव दिखा दो !
बदायूं की बात – सुशील धींगडा के साथ पता नहीं बदायूं में वोट देने वाले मतदाताओं के वोट की ताकत में क्या कमी है जो बदायूं के तमाम जनप्रतिनिधियों को बदायूं की सबसे बडी जरूरत लम्बी दूरी की ट्रेन दिलाने का दायित्व याद नहीं रह पाता अथवा मतदाताओं के वोट …
Read More »वक्त- Gunjan Agrawal
Gunjan Agrawal *वक्त गहरे समुंदर में गिरा* *हुआ मोती है,* *जिसका दुबारा मिलना* *नामुमकिन है … ॥* *सुप्रभात
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भुलाए नहीं जा सकते- Sugandha Sharma
Sugandha Sharma कहीं किसी के हृदय में.. किसी जेहन में.. किसी कि नम आँखों में.. किसी की खामोशी में.. किसी कि मुस्कराहट में.. या किसी कि शिकायतों में , अगर आप कही हो तो.. सच मानो.. आप कभी..भुलाए नहीं जा सकते!! #सुप्रभात_जिंदगी #सुगंधा
#हर_हर_महादेव
#ॐ_शं_शनैश्चराय_नमः
#वंदे_मातरम् …
फिर भी खूबसूरत है – Sarita Gautam
Sarita Gautam कोई कसम, कोई वादा, कोई इज़हार नहीं….इश्क फिर भी खूबसूरत है क्या हुआ, अगर इकरार नहीं….
Read More »मेरा धर्म – Gunjan Agrawal
Gunjan Agrawal सुनो… तुम्हारी प्रतीक्षा करना मेरा धर्म है ,अब तुम लौटकर मुझसे मिलने आओ या न आओ, ये तुम्हारा कर्म है..!!! गुंजन शिशिर
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